Protests erupt outside Kasba Police station as 3 arrested in alleged Kolkata college gang rape
साेमवार काे सुबह सदन की कार्रवाई शुरू हाेने पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि उन्हें नियम 267 के तहत दिन के सूचीबद्ध कार्य को स्थगित करने और नोटिस में उल्लिखित मुद्दों को उठाने के लिए नौ नोटिस मिले हैं, जिसमें महाकुंभ मामले पर चर्चा भी शामिल है।
नई दिल्ली। राज्यसभा में विपक्षी दलों ने महाकुंभ में पिछले सप्ताह हुई भगदड़ की घटना पर साेमवार काे तत्काल चर्चा की मांग को स्वीकार न किये जाने पर सदन से वॉकआउट किया। महाकुंभ की इस घटना में कई लोगों की मौत हो गई थी।
साेमवार काे सुबह सदन की कार्रवाई शुरू हाेने पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि उन्हें नियम 267 के तहत दिन के सूचीबद्ध कार्य को स्थगित करने और नोटिस में उल्लिखित मुद्दों को उठाने के लिए नौ नोटिस मिले हैं, जिसमें महाकुंभ मामले पर चर्चा भी शामिल है। उन्हाेंने बताया कि कांग्रेस पार्टी के प्रमोद तिवारी और दिग्विजय सिंह, तृणमूल कांग्रेस की सागरिका घोष, समाजवादी पार्टी के जावेद अली और रामजी लाल सुमन और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जॉन ब्रिटास ने महाकुंभ मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए नोटिस दिए थे। अन्य नोटिस 'संविधान और डाॅ. भीमराव आंबेडकर के प्रति अनादर की घटनाओं में वृद्धि' और 'केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री के दिए गए भेदभावपूर्ण और जातिवादी बयानों' से संबंधित थे।
सभापति धनखड़ ने नियम 267 के तहत नोटिस के बारे में अपने पहले के फैसलों का हवाला देते हुए इन नोटिसाें को मंजूरी नहीं दी और निर्धारित शून्यकाल के साथ कार्यवाही आगे बढ़ा दी, जिसके दौरान सदस्य अध्यक्ष की अनुमति से मुद्दे उठाते हैं। इन नोटिसों काे अस्वीकृत करने के कारण सुबह के सत्र में विपक्षी पार्टी के सांसदों ने जोरदार विरोध किया, जिसमें कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, आम आदमी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी के सांसद शामिल थे। मौनी अमावस्या पर महाकुंभ में हुई भगदड़ को लेकर सरकार पर नाकामी के आरोप लगाते हुए विपक्ष के कई सांसदों ने नारेबाजी की। महाकुंभ में इस हादसे में कम से कम 30 लोग मारे गए थे। इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। हालांकि सदन में शून्यकाल के उल्लेख जारी रहे।
बाद में संसद भवन में पत्रकारों से बातचीत में सागरिका घोष ने कहा कि कुंभ में एक नहीं बल्कि दो स्थानों पर भगदड़ हुई। मृतकों की संख्या और भगदड़ को लेकर सरकार सही आंकड़े नहीं दे रही है। 267 के हमारे नोटिसों पर चर्चा को सभापति ने अनुमति नहीं दी, इसलिए हम लोगों ने विरोध स्वरूप सदन से वाकआउट किया।